1. छड़ी नृत्य किस त्यौहार से संबंधित है?
होली
गोगा नवमी
नवरात्रि
हरियाली तीज
Note: छड़ी नृत्य गोगा नवमी त्यौहार से संबंधित है। गोगाजी हरियाणा तथा राजस्थान में पूजित लोकदेवता हैं। भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि मनाया जाता है। इस दिन गोगा देव (श्री जाहरवीर) का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि गोगा देव की पूजा करने से सांपों से रक्षा होती है।

2. वीर कल्लाजी चित्तोड़ के कौनसे साके में वीरगति को प्राप्त हुए थे?
चौथा साका
तीसरा साका
दूसरा साका
पहला साका
Note: कल्ला जी राठौड़ (आश्विन शुक्ल 8, 1601 विक्रमी - 1624 विक्रमी) राजस्थान के एक राजपूत योद्धा थे, जिन्हें लोकदेवता माना जाता है। ये मेड़ता के राव जयमल के छोटे भाई आसासिंह के पुत्र थे। इन्होने मेवाड़ के लिये महाराणा प्रताप के साथ अकबर से युद्ध किया था। ये तीसरे साका युद्ध (विक्रम संवत 1624) में चित्तौड़गढ़ में अकबर से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये थे।

3. लोक देवता गोगाजी का थान सामान्यतः किस पेड़ के नीचे लगाया जाता है?
खेजड़ी
पीपल
रोहिड़ा
बबूल
Note: लोक देवता गोगाजी का थान खेजड़ी के वृक्ष के नीचे होता है। इनका मेला भाद्रपद कृष्णपक्ष की नवमी को गोगामेड़ी में भरता हैं। इनका प्रतीक चिन्ह नीली घोड़ी है। 1103 ई. सन् में मेहमूद गजनवी से गायों की रक्षा करते हुए वीरगती को प्राप्त हुए। गजनवी ने इन्हें ‘‘जाहरपीर’’ की संज्ञा दी। इन्हे सांपो के देवता के नाम से जाना जाता हैं।किसानों के द्वारा पहली बार हल जोतने पर हल और हाली को इनके नाम की राखी बांधी जाती हैं जिसे ‘‘गोगाराखड़ी’’ कहते हैं।

4. लाछां गुजरी की गायें चोरी हो जाने पर किस लोक देवता ने उसकी सहायता की?
बाबा रामदेव
पाबूजी
तेजाजी
गोगाजी
Note: लाछां गुजरी की गायों का अपहरण मीणों द्वारा कर लिया गया। गायें छुड़ाने के लिए मीणों से तेजाजी का युद्ध हुआ। यह अपने किस्म की अनोखी और अभूतपूर्व लड़ाई थी। एक तरफ 350 यौद्धा तो सामने केवल अकेले तेजाजी। इस लड़ाई में तेजाजी के साथ केवल घोड़ी लीलण थी।


5. संत पीपा की गुफा कहाँ स्थित है?
मालपुरा, टोंक
देवली, टोंक
टोडा ग्राम, टोंक
उनियारा, टोंक
Note: संत पीपा की गुफा टोडाराय (टोंक) में स्थित है। जिसमें वे भजन किया करते थे। यहाँ उन्होंने समाधि ली थी। संत पीपा गागरौन में आहू एवं कालीसिंध नदियों के संगम के पास स्थित एक गुफा में भी जाते थे। वहां आज भी मेला भरता है। वही पर इनकी छतरी है। संत पीपा की माता का नाम लक्ष्मीवती था तथा इनके बचपन का नाम 'प्रताप सिंह' था। पीपाजी ने संत रामानंद से दीक्षा ली तथा भगवत् भक्ति का प्रचार किया। इनका नाम रामानंद जी के 12 प्रमुख शिष्यों में गिना जाता है। दर्जी समुदाय II इन्हें अपना आराध्यदेव मानता है। बाड़मेर के समदड़ी ग्राम में पीपाजी का भव्य मंदिर है, जहाँ विशाल मेला भरता है।

6. लोक देवता रामदेवजी का जन्म कहाँ हुआ था?
अमरकोट
अमरसर (जैसलमेर)
उंडू(बाड़मेर)
खोसा (सीकर)
Note: रामदेवजी का ज़न्म बाडमेर के शिव तहसील के उंडू गाँव में भाद्रपद शुक्ल दूज (द्वितीया) को हुआ था।

7. संत माव जी का संबंध है-
बेणेश्वर
पीपासर
खड़नाल
जोबनेर
Note: संत मावजी महाराज वागड़ के महान संत थे। मावजी महाराज ने माही, सोम और जाखम नदी के संगम पर बेणेश्वर धाम में तपस्या की थी।

8. वह देवी जो खण्डित रूप में पूजी जाती है?
सती माता
शीतला माता
भंवरा देवी
जयन्ती देवी
Note: शीतला माता एक ऐसी माता है, जिसकी खण्डित मूर्ति की पूजा होती है। चेचक की देवी के रूप में शीतला माता प्रसिद्ध है। शीतला माता को सेढ़ल माता, बच्चों की संरक्षिका आदि उपनामों से भी जाना जाता है।


9. लोकदेवता रामदेवजी ने किस सन् में जीवित समाधि ली थी?
1438 ई.
1448 ई.
1468 ई
1442 ई.
Note: बाबा रामदेव ने वि.स. 1442 में भाद्रपद शुक्ल एकादशी को राजस्थान के रामदेवरा (पोकरण से 10 कि.मी.) में जीवित समाधि ले ली।

10. राजस्थान में किस जाति को भगवान मत्स्यावतार का वंशज माना जाता है?
चारण
बिस्सा
भील
मीणा
Note: पौराणिक कथाओ के अनुसार मत्स्य अवतार या भगवान विष्णु के दसवें अवतार से मीना जनजाति की उत्पत्ति मानी जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मीना समुदाय के लोग `चैत्र शुक्ल पक्ष` के तीसरे तीथी पर विष्णु के नाम पर मीनेश जयंती मनाते हैं। यह विश्वास मुख्य रूप से मत्स्य पुराण के ग्रंथ पर आधारित है।

11. सीकर से सात कोस दक्षिण में खोसा गाँव के पास पहाड़ियों पर किसका मन्दिर है?
जीणमाता
करणीमाता
कैलादेवी
सचियाय माता
Note: जीण माता राजस्थान के सीकर जिले में स्थित धार्मिक महत्त्व का एक गाँव है। यह सीकर से 7 कोस दक्षिण में स्थित है।

12. पाबूजी के संबंध में निम्न में से कौनसा कथन असत्य है?
चाँदा-डेमा तथा हरमल पाबूजी के रक्षक सहयोगी के रूप में जाने जाते हैं।
पाबूजी का जन्म 15वीं सदी में हुआ
पाबूजी को गौरक्षक देवता के रूप में पूजा जाता है।
पाबूजी राठौड़ों के मूल पुरुष राव सीहा के वंशज थे।
Note: पाबूजी का जन्म 13वीं सदी में हुआ।


13. केसर कालमी किसकी घोड़ी थी?
गोगाजी
तेजाजी
पाबूजी
वीर कल्लाजी
Note: पाबूजी की घोड़ी का नाम केसर कालमी था।

14. चार हाथों वाले देवता के रूप में किसकी ख्याति हुई?
धांधल जी
हड़बूजी
वीरवर कल्लाजी
तल्लीनाथ
Note: वीर कल्लाजी को चार हाथों वाले देवता के रूप में माना जाता है ।

15. पाबूजी के पड़ व पवाड़ों को क्रमश: नायक व राइका जाति द्वारा किन वाद्यों के साथ बाँचा/गाया जाता है?
सारण, रावणहत्था
सारण, माठ
रावणहत्था, माठ
माठ, सारण
Note: पाबू जी की स्मृति में प्रतिवर्ष जैसलमेर के पास प्राचीन गांव कारियाप में पड़-महोत्सव के रूप में एक मेले का आयोजन होता है तथा यह रावणहत्था व माठ नामक वाद्य यंत्र के साथ गायी जाती हैं।

16. लोक देवता कल्लाजी राठौड़ का जन्म कहाँ हुआ था?
बूटाटी
मेड़ता
रेण
हरनावा
Note: वीर कल्लाजी राठौर का जन्म मेड़ता (मारवाड़) के सामीयाना गाँव में आश्विन शुक्ल 8, 1601 विक्रमी में दुर्गाष्टमी को हुआ। कल्लाजी मेड़ता (नागौर) के निवासी थे । वीर कल्लाजी के पिता का नाम आस सिंह था। भक्तिमति मीरां बाई कल्लाजी की बुआ थी।


17. बाण माता कुलदेवी की आराधना कहा होती है?
हाडोती
शेखावटी
मारवाड़
मेवाड़
Note: "श्री बाण माता जी" "श्री ब्रह्माणी माताजी" "श्री बायण माताजी" "श्री बाणेश्वरी माताजी" मेवाड के सूर्यवंशी गहलोत और सिसोदिया राजवंश की कुलदेवी है। बाण माता जी को सैनिक क्षत्रिय माली समाज के गहलोत गौत्र के भी अपनी कुलदेवी के रूप में पूजते हैं।

18. लोक देवता गोगाजी का थान सामान्यता किस पेड़ के नीचे बनाया जाता है?
रोहिडा
नीम
खेजड़ी
रोहिडा
Note: प्रदेश की लोक संस्कृति में गोगाजी के प्रति अपार आदर भाव देखते हुए कहा गया है कि गाँव-गाँव में खेजड़ी, गाँव-गाँव में गोगा वीर गोगाजी का आदर्श व्यक्तित्व भक्तजनों के लिए सदैव आकर्षण का केन्द्र रहा है।

19. रामदेव जी के घोड़े का रंग कैसा है?
भूरा
सफेद
काला
नीला
Note: रामदेव जी के घोड़े का रंग नीला था इसीलिए उन्हें नील घोड़े वाले बाबा भी कहते है।

20. कंठेसरी माता किसकी लोक देवी मानी जाती है?
तिलवाड़ा
ओसवाल
उज्जैन
आदिवासीय
Note: कंठेसरी माता आदिवासियों की लोकदेवी मानी जाती है।


21. गणगौर पर किस देवी देवता का पूजन होता है?
शिव पार्वती
विष्णु-महालक्ष्मी
ब्रह्मा-सरस्वती
गणेश-रिद्धि सिद्धि
Note: गणगौर राजस्थान एवं सीमावर्ती मध्य प्रदेश का एक त्यौहार है, जो चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की तीज को आता है। इस दिन कुवांरी लड़कियां एवं विवाहित महिलायें शिवजी (इसर जी) और पार्वती जी (गौरी) की पूजा करती हैं।

22. तेजाजी धाम सुरसुरा किस जिले में स्थित है?
अलवर
उदयपुर
अजमेर
पाली
Note: तेजाजी का वीरगति स्थल समाधि धाम सुरसुरा अजमेर जिले की किशनगढ़ तहसील में किशनगढ़ से हनुमानगढ़ मेगा-हाईवे पर उत्तर दिशा में 16 किमी दूरी पर है।

23. डाली बाई सुगना बाई किसके शिष्य थे-
रामदेव जी
तेजाजी
पाबूजी
गोगाजी
Note: डाली बाई सुगना बाई लोक देवता रामदेव जी के शिष्य थे।

24. राजस्थान के किस लोक देवता का संबंध कोलू गांव से है?
गोगाजी
तेजाजी
पाबूजी
हड़बूजी
Note: राजस्थान के लोक देवता पाबूजी राठौड़ का जन्म वि.संवत 1239 ई॰ में फलौदी के पास कोलू नामक गाँव में हुआ था।


25. करोली क्षेत्र में कैला देवी की आराधना में गाए जाने वाला गीत है?
सावनिया
फागणिया
लंगुरिया
लहरिया
Note: लांगुरिया यह लोकगीत करौली क्षेत्र की कुल देवी 'कैला देवी' की आराधना के लिए गाया जाता है।

26. लोक देवता तेजाजी महाराज का पवित्र तीर्थ स्थल बांसी दुगारी कहां स्थित है?
भरतपुर
बूँदी
कोटा
अलवर
Note: तेजाजी महाराज का पवित्र तीर्थस्थल बाँसी दुगारी राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित है। तेजाजी राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात प्रान्तों में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं।

27. तेजाजी के जन्म स्थान का नाम है-
पीपासर
खरनाल
नागौर
ददरेवा
Note: तेजाजी का जन्म विक्रम संवत 1130 माघ सुदी चौदस (गुरुवार 29 जनवरी 1074, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) के दिन खरनाल में हुआ था।

28. लोक देवी शितला माता का वाहन है-
गधा
चिड़ी
बत्तख
हंस
Note: शीतला माता एक प्रसिद्ध हिन्दू देवी हैं। इनका प्राचीनकाल से ही बहुत अधिक माहात्म्य रहा है। स्कंद पुराण में शीतला देवी का वाहन गर्दभ बताया गया है।


29. पाबूजी को अवतार माना जाता है-
लक्ष्मण
राम जी
महादेव
कृष्णा
Note: पाबूजी को लक्ष्मणजी का अवतार माना जाता है। इनकी प्रतिमा में इन्हें भाला लिए हुए एक अश्वरोही के रूप में अंकित किया जाता है। प्रतिवर्ष चैत्र अमावस्या को पाबूजी के मुख्य 'थान' (मंदिर गाँव कोलूमण्ड) में विशाल मेला लगता है, जहाँ भक्तगण हज़ारों की संख्या में आकर उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित करते हैं।

30. जिला जिसमे लोक देवता रामदेव की समाधि अवस्थित है-
जैसलमेर
जालौर
बाड़मेर
बीकानेर
Note: पश्चिमी राजस्थान के जिले जैसलमेर के पोकरण उपखण्ड मुख्यालय से करीब 12 किमी उत्तर की तरफ विख्यात गांव रामदेवरा स्थित है। जिसका दूसरा नाम रुणीचा भी है। यहां अछूतोद्धारक, साम्प्रदायिक एकता के प्रतीक मध्यकालीन लोक देवता बाबा रामदेव की समाधि पर भव्य मंदिर बना हुआ है।




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