31. सुगन चिड़ी को किस लोकमाता का स्वरूप माना जाता है?
आयड़ माता
आई माता
जीण माता
शीतला माता
Note: भगवती आयद माता के पूर्वज सिंध प्रान्त में निवास करने वाले सउवा शाखा के चरण थे जो गाये पालते और घी व घोड़ो का व्यापर करते थे।
32. जाभोजी का जन्म स्थान कौन सा है?
ददरेवा
पीपासर
जालौर
नागौर
Note: गुरू जम्भेश्वर बिश्नोई संप्रदाय के संस्थापक थे। ये जाम्भोजी के नाम से भी जाने जाते है। इन्होंने विक्रमी संवत् 1542 सन 1485 मे बिश्नोई पंथ की स्थापना की।
Note: हड़बूजी का जन्म भूंडेल (नागौर) में हुआ था। हड़बूजी महाराजा गोपालराज सांखला के पुत्र थे। लोक देवता रामदेवजी हड़बू जी के मौसेरे भाईं थे। हड़बूजी ने रामदेवजी से प्रेरणा लेकर योगी बालीनाथ जी से दीक्षा ली थी।
34. जाहरपीर के नाम से कौनसे लोक देवता जाने जाते है?
पाबूजी
तेजाजी
गोगा जी
केशरिया कांवरजी
Note: गोगाजी चौहान राजस्थान के लोक देवता हैं जिन्हे जाहरपीर के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर गोगामेड़ी है, यहां भादों कृष्णपक्ष की नवमी को गोगाजी देवता का मेला लगता है।