1. किस राजपूत राजा को दिल्ली के सिंहासन पर बैठने का अवसर मिला था?
Note: पृथ्वीराज चौहान ने दिल्ली के सिंहासन पर शासन किया था। उन्होंने मोहम्मद गोरी के खिलाफ संघर्ष किया और 1191 में तराइन के पहले युद्ध में विजय प्राप्त की, लेकिन 1192 में दूसरे युद्ध में पराजित हुए। वह दिल्ली के सिंहासन पर बैठने वाले अंतिम स्वतंत्र हिंदू शासकों में से एक थे।
2. राजा मानसिंह किस राजवंश से संबंधित थे?
Note: राजा मानसिंह आमेर के कच्छवाहा राजवंश के राजा थे। वह अकबर के नौ रत्नों में से एक थे और मुगल दरबार के प्रमुख सेनापति भी थे। → राजा मान सिंह ने काबुल, बल्ख, बुखारा, बंगाल, और मध्य और दक्षिणी भारत में कई लड़ाइयां लड़ीं.
→ अकबर उन्हें फरज़ंद और कभी 'राजा मिर्जा' कहकर बुलाते थे.
→ राजा मान सिंह ने अपने पहले प्रमुख सैन्य अभियान का संचालन मेवाड़ के ख़िलाफ़ किया था.
→ राजा मान सिंह की बहन जोधाबाई, मुगल बादशाह अकबर से विवाहित थीं.
3. राजस्थान के किस शासक ने चित्तौड़ के किले की रक्षा के लिए पन्ना धाय के बलिदान की कहानी अमर कर दी?
Note: → पन्ना धाय, राणा सांगा के चौथे बेटे उदय सिंह द्वितीय की धाय माँ थीं.
→ रानी कर्णावती के जौहर के बाद, उदय सिंह का लालन-पालन पन्ना धाय ने किया था.
→ जब उदय सिंह के चाचा बनवीर ने उन पर हमला किया, तो पन्ना धाय ने अपने बेटे चंदन की जान देकर उदय सिंह को बचाया.
→ पन्ना धाय ने यह जानकारी किसी को नहीं दी थी कि बनवीर ने जिसको मारा है, वो उदय सिंह नहीं बल्कि उनका बेटा चंदन था.
→ पन्ना धाय को स्वामिभक्ति का शिरमोर माना जाता है.
→ कहा जाता है कि अगर पन्ना धाय ना होतीं, तो उदय सिंह नहीं बच पाते और फिर इतिहास को महाराणा प्रताप जैसे वीर नहीं मिल पाते.
4. किस युद्ध में राजस्थान के राजपूतों ने बाबर के खिलाफ लड़ाई लड़ी?
Note: → यह युद्ध 16 मार्च, 1527 को आगरा से 60 किलोमीटर पश्चिम में हुआ था.
→ इस युद्ध में मुगल सम्राट बाबर ने मेवाड़ के राजपूत राजा राणा सांगा को हराया था.
→ इस युद्ध में राणा सांगा के नेतृत्व में राजपूत संघ ने बाबर की तैमूर सेना से लड़ाई लड़ी थी.
→ राणा सांगा के साथ सिरोही, जालोर, शुंधार, हरौती, राव मेदिनी, और डूंगरपुर जैसे राजपूत राजाओं ने भी हिस्सा लिया था.
Advertisement
Speedo Typing Software
SSC CHSL, CGL and More!
Free Download
5. राजस्थान के किस शासक ने अकबर के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी थी और कभी भी मुगलों के अधीन नहीं आए?
Note: महाराणा प्रताप ने अकबर के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी और मेवाड़ की स्वतंत्रता की रक्षा की। वह कभी भी मुगलों के सामने झुके नहीं और लगातार संघर्ष करते रहे, विशेष रूप से हल्दीघाटी के युद्ध में उनकी वीरता अमर है।
6. राजस्थान के किस राजा ने मुगलों के साथ शांति समझौता किया और अपनी बेटी का विवाह अकबर से कराया?
Note: आमेर के राजा भारमल ने अकबर से संधि की और अपनी बेटी हरखा बाई का विवाह अकबर से कराया, जिसके बाद आमेर और मुगल साम्राज्य के बीच घनिष्ठ संबंध बने। यह समझौता राजपूतों और मुगलों के बीच मैत्री का प्रतीक माना जाता है।
7. राणा कुम्भा ने किस किले का निर्माण कराया, जो अब राजस्थान की धरोहर का एक हिस्सा है?
Note: राणा कुम्भा ने 15वीं शताब्दी में कुंभलगढ़ किले का निर्माण कराया था। यह किला राजस्थान के प्रमुख किलों में से एक है और इसकी दीवारें चीन की दीवार के बाद दूसरी सबसे बड़ी दीवार मानी जाती हैं। इस किले को मेवाड़ की आंख कहा जाता है. → इस किले की दीवार 36 किलोमीटर लंबी है.
→ इस किले की दीवार 15 से 25 फ़ुट चौड़ी है.
→ इस किले में सात द्वार हैं.
→ इस किले में कई हिंदू और जैन मंदिर हैं.
→ महाराणा प्रताप का जन्म इसी किले में हुआ था.
→ इस किले को साल 2013 में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था.
8. किसने चित्तौड़ के जौहर का नेतृत्व किया?
Note: चित्तौड़गढ़ में हुए तीन जौहरों का नेतृत्व अलग-अलग लोगों ने किया था:
→ चित्तौड़ का पहला जौहर: रानी पद्मिनी ने नेतृत्व किया था. यह जौहर 26 अगस्त, 1303 को अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय हुआ था. इस जौहर में 16,000 महिलाओं ने भाग लिया था.
→ चित्तौड़ का दूसरा जौहर: रानी कर्णावती ने नेतृत्व किया था. यह जौहर 8 मार्च, 1535 को गुजरात के शासक बहादुर शाह के आक्रमण के समय हुआ था. इस जौहर में 13,000 महिलाओं ने भाग लिया था.
→ चित्तौड़ का तीसरा जौहर: फूल कंवर ने नेतृत्व किया था. यह जौहर 1568 में अकबर के आक्रमण के समय हुआ था. इस जौहर में 700 महिलाओं ने भाग लिया था.
Advertisement
Speedo Typing Software
RSMSSB LDC Live Typing Test!
Free Download
9. हल्दीघाटी का युद्ध किसके बीच लड़ा गया था?
पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी
Note: → यह युद्ध 18 जून, 1576 को लड़ा गया था.
→ इस युद्ध में, महाराणा प्रताप की सेना का नेतृत्व उन्होंने ही किया था, जबकि मुगल सेना का नेतृत्व आमेर के मान सिंह प्रथम ने किया था.
10. किस वर्ष राजस्थान का गठन हुआ था?
Note: राजस्थान का गठन 30 मार्च 1949 को हुआ था
11. मंडोर का पहला प्रतिहार राजा कौन था?
Note: रज्जिल मंडोर का पहला प्रतिहार राजा था। मंडोर राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित है। मंडोर को प्रतिहारों का उत्पत्ति स्थल माना जाता है।
12. मंडोर के प्रतिहार वंश से सम्बन्धित प्रारम्भिक शासक का नाम था -
Note: ➠नागभट्ट प्रतिहारों की राजधानी को मंडोर से मेड़ता लेकर गया था।
➠मेड़ता राजस्थान के नागौर जिले में स्थित है।
➠नागभट्ट का बड़ा बेटा तात सन्नयासी बन गया था तथा मंडोर के आश्रम में रहता था।
➠नागभट्ट का छोटा बेटा भोज मंडोर का राजा बना था तथा प्रतिहारों की राजधानी मेड़ता से वापस मंडोर लेकर गया था।
Advertisement
Speedo Typing Software
1700+ Typing Exercises!
Free Download
13. हम्मीर मदमर्दन नामक रचना किसके द्वारा रचित है ?
Note: हम्मीर मदमर्दन नामक रचना "जयसिंह सूरी" द्वारा रचित है।
14. मारवाड़ का कौनसा शासक स्वतंत्रता प्रेमी था जिसने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की
Note: 1562 ई. में राव मालदेव की मृत्यु के बाद इनके ज्येष्ठ पुत्र को राज्य से निष्कासित कर दिया तथा उदयसिहं (मोटा राजा) को पाटौदी का जागीरदार बना दिया, 1562 ई. में ही विधिवत् तरीके से राव चन्द्रसेन का राज्याभिषेक किया गया। अकबर द्वारा चंद्रसेन को बन्दी बनाने तथा उनका राज्य हथियाने के लिए अनेकों प्रयास किए गए । परंतु राव चंद्रसेन ने अकबर की हर चाल को नाकामयाब कर दिया।
जब लगभग पूरा हिंदुस्तान अकबर की अधीनता स्वीकार कर चुका था तब जोधपुर के शासक राव चंद्रसेन और मेवाड़ के महाराणा प्रताप जी ही ऐसे शासक थे जो अकबर से लोहा ले रहे थे।
15. कर्नल जेम्स टॉड ने 1829 ई. में प्रकाशित अपनी पुस्तक “एनल्स एंड एंटीक्विटीज़ ऑफ राजस्थान” में राजस्थान के लिए किस नाम का प्रयोग किया-
16. टोंक(Tonk) जिले के उणियारा कस्बे के पास स्थित 'नगर' नामक कस्बे का प्राचीन नाम था?
Note: नगर सभ्यता जो नगर नामक पुरातात्विक स्थल टाेंक जिले में उणियारा कस्बे के पास स्थित है। इसे कर्कोट नगर भी कहा जाता है। इसका प्राचीन नाम ‘मालव नगर’ था।
Advertisement
Speedo Typing Software
Hindi and English Learning!
Free Download
17. राजस्थान के प्रथम एवं एकमात्र राजप्रमुख थे-
जयपुर महाराजा सवाई मानसिंह
18. मेवाड़ से युद्ध तथा चित्तौड़ की संधि किसके शासनकाल की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है?
Note: मेवाड़ से युद्ध तथा चित्तौड़ की संधि जहांगीर के शासनकाल की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। जहांगीर ने सर्वप्रथम मेवाड़ की ओर ध्यान दिया तथा 1605 ई. से लेकर 1613 ई. तक मेवाड़ के लिए कई अभियान महावत खां के नेतृत्व में भेजे गए। इनमें अंतिम अभियान शहजादा खुर्रम के नेतृत्व में भेजा गया था तथा इसके परिणामस्वरूप मेवाड़ के राणा अमर सिंह तथा मुगलों के बीच में संधि हो गई (1615 ई.)।
19. मीराबाई के गुरु कौन थे?
Note: मीराबाई के गुरु रैदास (रविदास) थे। महान संत रविदास का जन्म सन 1398 में काशी (उत्तरप्रदेश) हुआ था। वे बचपन से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के प्रति अग्रसर रहे। रविदास जी की ख्याति से प्रभावित होकर सिकंदर लोदी ने इन्हें दिल्ली आने का निमंत्रण भेजा था। मध्ययुगीन भक्ति परम्परा में उनका विशिष्ट स्थान है। कबीर की तरह रैदास भी संत कोटि के प्रमुख कवियों में विशिष्ट स्थान रखते हैं। मीराबाई भी रविदास जी की शिष्या थीं। मीराबाई का जन्म सन 1498 ई. में हुआ। ये बचपन से ही कृष्णभक्ति में रुचि लेने लगी थीं। मीरा का विवाह मेवाड़ के सिसोदिया राज परिवार में हुआ। उदयपुर के महाराजा भोजराज इनके पति थे जो मेवाड़ के महाराणा सांगा के पत्र थे। विवाह के कुछ समय बाद ही उनके पति का देहांत हो गया। पति की मृत्यु के बाद वे कृष्ण भक्ति में रम गईं।
20. वीर कल्लाजी चित्तोड़ के कौनसे साके में वीरगति को प्राप्त हुए थे?
Note: कल्ला जी राठौड़ (आश्विन शुक्ल 8, 1601 विक्रमी - 1624 विक्रमी) राजस्थान के एक राजपूत योद्धा थे, जिन्हें लोकदेवता माना जाता है। ये मेड़ता के राव जयमल के छोटे भाई आसासिंह के पुत्र थे। इन्होने मेवाड़ के लिये महाराणा प्रताप के साथ अकबर से युद्ध किया था। ये तीसरे साका युद्ध (विक्रम संवत 1624) में चित्तौड़गढ़ में अकबर से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गये थे।
Advertisement
Speedo Typing Software
Daily Live Typing Test Series!
Free Download
21. राजस्थान की किस बावड़ी को बावड़ियों का सिरमौर कहा जाता है?
Note: बूंदी स्थित रानी जी की बावड़ी को बावड़ियों का सिरमौर कहा जाता है। इसका निर्माण रानी नातावन जी ने 1699 ई. में करवाया था। इस बावड़ी ने मध्यकालीन काल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसी कारण इसे महत्वपूर्ण सामाजिक ढ़ांचों के रूप में गिना जाता है। यह सीढ़ीदार कुआँ 165 फीट गहरा है, जो राजपूतों के शासनकाल में एक उल्लेखनीय स्थापत्य शैली को प्रर्दशित करता है। इस कुएं का प्रवेश द्वार काफी संकीर्ण है और इसमें लगे हुए स्तंभों पर पत्थर के हाथी भी ऊपर बने हुए हैं। सीढ़ी से नीचे जाने पर कुंआ काफी बड़ा और व्यापक है। पूरा कुंआ काफी अच्छी तरीके से खूबसूरती से की गई खुदाई से एस आकार ब्रेकेट के साथ सजाया गया है।
22. जून, 1947 को कालीबाई अपने अध्यापक को मुक्त कराने के दौरान पुलिस की गोलियों द्वारा भून दी गई। यह वीर बाला किस जिले की थी?
Note: जिला डूंगरपुर, राजस्थान की पहचान अमर शहीद वीर बाला कालीबाई के नाम से की जाती है। आदिवासी समुदाय भील के सोमा भाई के घर में वीर काली बाई का जन्म जून 1935 में हुआ। मात्र 12 वर्ष की उम्र में इस क्रांतिकारी बाला ने 19 जून 1947 को जागीरदारों व अंग्रेजों के शोषण के विरूद्ध बहादुरी की एक जोरदार मिसाल कायम कर आदिवासी समाज में शिक्षा की अलख जगाई।
[Rajasthan Patwari exam paper 2016]
23. हम्मीर ने सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के किस विद्रोही सेनापति को रणथम्भौर दुर्ग में शरण दी थी?
Note: हम्मीर ने सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के मीर मुहम्मद शाह विद्रोही सेनापति को रणथम्भौर दुर्ग में शरण दी थी। सुल्तान अलाउद्दीन ने इन विद्रोहियों को सौंप देने की माँग राव हम्मीर से की, हम्मीर ने उसकी यह माँग ठुकरा दी। क्षत्रिय धर्म के सिद्धान्तों का पालन करते हुए राव हम्मीर ने, शरण में आए हुए सैनिकों को नहीं लौटाया। शरण में आए हुए की रक्षा करना अपना कर्त्तव्य समझा। इस बात पर अलाउद्दीन क्रोधित होकर रणथम्भौर पर युद्ध के लिए तैयार हुआ।
[Rajasthan Patwari exam paper 2016]
24. ‘ब्रोचगुर्जर’ नामक एक ताम्रपत्र के आधार पर राजपूतों को यू-ची जाति का वंशज मानते हुए इनका सम्बन्ध कुषाण जाति से किसने जोड़ा है?
Note: ‘ब्रोचगुर्जर’ नामक एक ताम्रपत्र के आधार पर राजपूतों को यू-ची जाति का वंशज मानते हुए इनका सम्बन्ध कुषाण जाति से कनिंघम ने जोड़ा है।
Advertisement
Speedo Typing Software
Typing Progress Tracking!
Free Download
25. निम्न में से किस क्षेत्र का उल्लेख ऋग्वेद, रामायण, चरक सहिंता, महाभारत, तथा वृहद सहिंता में मिलता है-
Note: मरू प्रदेश का उल्लेख ऋग्वेद, रामायण, चरक सहिंता, महाभारत, तथा वृहद सहिंता में मिलता है। मरू प्रदेश आर्यो का प्रारंभिक जनतंत्र था। जिसमें वर्तमान के बीकानेर,नागौर,चूरू, गंगानगर,जैसलमेर एवं बाड़मेर की कुछ भाग सम्मिलित थे। कालांतर में इस क्षेत्र में कुछ विस्तार के साथ कुरू, मद्र तथा जांगल नामक जनपदों का निर्माण हुआ।
26. हाड़ी रानी कर्मावती द्वारा जौहर में प्रवेश करते समय दिये गये भूमि अनुदान की जानकारी का स्त्रोत कौन सा है-
Note: पुर के ताम्रपत्र (1535 ई.) से हाडी रानी कर्मावती द्वारा जौहर में प्रवेश करते समय दिये गये भूमि अनुदान की जानकारी मिलती है।
27. राजस्थान के ‘गांधी’ कहलाते हैं?
Note: हाथल गाँव (सिरोही) में जन्में “राजस्थान के गाँधी” गोकुल भाई भट्ट जी के रचनात्मक कार्यो में प्रमुख सहयोगी रहे। बम्बई में कांग्रेस को संगठित कर विदेशी वस्त्रों की होली जलाई और नमक सत्याग्रह और शराब बंदी सत्याग्रह का सफल सञ्चालन किया। 1939 ईस्वीं में सिरोही प्रजामण्डल की स्थापना कर निरंकुश शासन के विरुद्ध संघर्ष कर उत्तरदायी सरकार और नागरिक अधिकारों की स्थापना करवाई। आचार्य विनोबा भावे के भूदान आंदोलन , जयप्रकाश नारायण की समग्र क्रान्ति में सक्रीय योगदान दिया। दलितोद्धार , शिक्षा , खादी और चरखा संघ का प्रसार , मद्य निषेध के लिए आमरण अनशन किया। आबू का विलय अपने प्रयासों से राजस्थान में करवाया। पद्मभूषण और जमनालाल बजाज पुरस्कारों से सम्मानित गोकुल भाई भट्ट ने निश्चय ही “राजस्थान के गांधी” की उपाधि को सार्थक किया।
28. जयपुर शहर को 1876 में ब्रिटिश साम्राज्य के किस सदस्य के स्वागत में गुलाबी रंग से रंगवाया गया था?
Note: वर्ष 1876 में इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ और प्रिंस ऑफ वेल्स प्रिंस अलबर्ट जयपुर आने वाले थे। गुलाबी रंग मेहमानों के स्वागत को दर्शाता है, इसलिये जयपुर के महाराजा राम सिंह ने मेहमानों का स्वागत करने के लिए पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया था।
Advertisement
Speedo Typing Software
Free Trial Available!
Free Download
29. प्राचीन काल में बीकानेर को किस नाम से जाना जाता था?
Note: राठौडों के प्रभुत्व में आने से पूर्व बीकानेर का क्षेत्र जांगल प्रदेश के नाम से जाना जाता था, जो मारवड़ के उत्तर में स्थित है। महाभारत काल में यह प्रदेश कुरू प्रदेश के अन्तर्गत आता था।
30. फारसी इतिहासकारों ने ‘हशमत वाला शासक’ किसे कहा था?
Note: फारसी इतिहासकारों ने ‘हशमत वाला शासक’ महाराणा प्रताप को कहा था। महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे। इनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये अमर है। इन्होनें कई वर्षों तक मुग़ल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया था। महाराणा प्रताप ने मुगलों को कई बार युद्ध में भी हराया था।