1. अजमेर में प्रतिवर्ष उर्स का मेला किस तिथि को भरता है?
प्रतिवर्ष पहली रज्जब से नौ रज्जब तक
मोहर्रम के दो माह बाद
रमजान के चार माह बाद
रमजान के दो माह बाद और दस दिन बाद
Note:

2. धींगा गवर(बेंतमार गणगौर) का पर्व किस क्षेत्र में प्रचलित है?
जयपुर
भरतपुर
जोधपुर
कोटा
Note: राजस्थान के पश्चिमी भाग के जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर आदि क्षेत्रों में सुहागिनें अखंड सुहाग की कामना के लिए धींगा गवर की पूजा करती है। यह पूजा सामान्यत: गणगौर पूजा के बाद चैत्र शुक्ल तृतीय से वैसाख कृष्ण पक्ष की तृतीया तक होती है। धींगा गवर को विधवाएं व सुहागिनें साथ-साथ पूजती हैं। इस उत्सव को "बेंतमार गणगौर" के रूप में भी जाना जाता है। इस उत्सव में लड़कियां कुंवारे लड़कों को डंडा मारती हैं। मान्यता के अनुसार अगर डंडा किसी कुंवारे लड़के पर लगता है तो उसकी शीध्र शादी होना पक्का समझा जाता है।

3. अन्नकूट मेला कहाँ आयोजित होता है-
किशनगढ़ में
चारभुजामें में
चित्तौड़गढ़ में
नाथद्वारा में
Note: अन्नकूट मेला नाथद्वारा में आयोजित होता है।

4. होली अवसर पर इलोजी की सवारी कहां निकाली जाती है?
गंगानगर
बाड़मेर
बीकानेर
भरतपुर
Note:


5. राजस्थान का वह मेला जो दीपदान के लिए आकर्षण का प्रमुख केन्द्र है-
भर्तृहरि मेला
चन्द्रभागा मेला
घुश्मेश्वर मेला
करणीदेवी मेला
Note: चन्द्रभागा मेला राजस्थान के झालावाड़ जिले में झालरापाटन कस्बे में कार्तिक पूर्णिमा को चन्द्रभागा नदी के किनारे भरता है। यह मेला दीपोत्सव व पशु विक्रय के लिये प्रसिद्ध है। झालावाड़ के राजा जालिमसिंह ने झालरापाटन राजधानी को बसाया था।

6. प्रसिद्ध झेला बावजी के मेले का सम्बन्ध किस जनजाति से है?
गरासिया
सहरिया
सांसी
डामोर
Note: डामोर जनजाति भील जनजाति की ही उपशाखा है। यह जनजाति मुख्य रूप से राजस्थान के डूंगरपुर, बांसवाड़ा, तथा उदयपुर जिले में केंद्रित है। ये सर्वाधिक डूंगरपुर जिले के सीमलवाडा पंचायत क्षेत्र में निवास करते हैं। गुजरात में भी बड़ी संख्या में अनेक गोत्रों के डामोर रहते हैं, इसीलिए राजस्थान की डामोर जनजाति के भाषा व रहन सहन में गुजरात का काफी प्रभाव देखने को मिलता है। डामोर जनजाति का छैला बावजी या झेला बावजी का मेला गुजरात राज्य के पंचमहल नामक स्थान पर भरता है। छैला बावजी के मेले में केवल पुरुष ही भाग लेते है। डामोर जनजाति का ग्यारस की रैवाड़ी का मेला प्रतिवर्ष सितम्बर माह में राजस्थान के डूँगरपुर जिले में भरता है।

7. खाटूश्यामजी का मेला कब प्रारम्भ होता है?
फाल्गुन शुक्ला त्रयोदशी
फाल्गुन शुक्ला पंचमी
फाल्गुन शुक्ला चतुर्थी
फाल्गुन शुक्ला एकादशी
Note: खाटूश्यामजी का मेला फाल्गुन शुक्ला एकादशी को प्रारम्भ होता है।

8. कोंकण तीर्थ किसे कहा जाता है?
मंडोर
बयाना
पुष्कर
नोखा
Note: कोंकण तीर्थ पुष्कर को कहा जाता है।


9. रणथम्भौर का प्रसिद्ध गणेश मेला कब आयोजित होता है?
श्रावण शुक्ल् चतुर्दशी
माघ शुक्ल् चतुर्दशी
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी
कार्तिक शुक्ल चतुर्थी
Note:

[RSMSSB LDC-2018]
10. राजस्थान में किस स्थान पर प्रतिवर्ष 12 सितम्बर को ‘वृक्ष महोत्सव’ मनाया जाता है?
कैलादेवी – करौली
कोलायत – बीकानेर
खेजड़ली ग्राम – जोधपुर
मंडौर- जोधपुर
Note: खेजड़ली जोधपुर राजस्थान में स्थित है। यह गाँव जोधपुर से 26 किमी. दूर है। इस गाँव में खेजड़ी वृक्षों की बहुतायत के कारण इसका नाम खेजड़ली पड़ा है। 12 सितंबर, 1730 में अमृता देवी बिश्नोई सहित 363 बिश्नोई खेजड़ी हरे वृक्षों को बचाने के लिए खेजड़ली में शहीद हुए थे। उन्ही की याद में प्रतिवर्ष 12 सितम्बर को खेजड़ली ग्राम में ‘वृक्ष महोत्सव’ मनाया जाता है।

11. किसकी स्मृति में तिलवाड़ा का पशु मेला आयोजित होता है?
हड़बूजी
गोगाजी
पाबूजी
रावल मल्लीनाथ जी
Note: तिलवाड़ा का पशु मेला राजस्थान के बाड़मेर ज़िले में आयोजित होता है। यह मेला वीर योद्धा रावल मल्लीनाथ की स्मृति में आयोजित होता है।

12. ‘तारकीन का उर्स’ मेला लगता है?
अजमेर
नागौर
बांसवाड़ा
सिरोही
Note:


13. किस शासक के शासन काल में कोटा में दशहरा मेला लगना प्रारम्भ हुआ?
उम्मेदसिंह
दुर्जनशाल
माधोसिंह
रामसिंह
Note:

14. रामस्नेही सम्प्रदाय अपना फूलडोल महोत्सव किस स्थान पर मनाते है?
शाहपुरा
भीनमाल
कोटपूतली
पीलीबंगा
Note:

15. नागौर मेला मुख्यतः है?
महिलाओं का मेला
सामुदायिक मेला
धार्मिक मेला
पशु मेला
Note: नागौर पशु मेला प्रतिवर्ष नागौर शहर से 5 किलोमीटर दूर मानसर गांव में माघ शुक्ल 1 से माघ शुक्ल 15 तक लगता है। मारवाड़ के लोकप्रिय नरेश स्वर्गीय श्री उम्मेद सिंह जी को इस मेले का प्रणेता माना जाता है।

16. मरू उत्सव मनाया जाता है?
करौली
जैसलमेर
जोधपुर
धौलपुर
Note:


17. मुकाम में जामेश्वर मेला वर्ष में कितनी बार लगता है?
एक
चार
दो
तीन
Note: मुकाम में जामेश्वर मेला वर्ष में 2 बार लगता है।

18. ‘कैलादेवी’ का मेला कब लगता है?
चैत्र-कृष्ण पक्ष
चैत्र-शुक्ल पक्ष
वैशाख-कृष्ण पक्ष
वैशाख-शुक्ल पक्ष
Note:

19. ‘गोगामेड़ी’ पशु मेला आयोजित होता है?
हनुमानगढ़
जालौर
सीकर
राजसमंद
Note:

20. प्रसिद्ध भर्तृहरि मेला कहा आयोजित किया जाता है?
हनुमानगढ़
नागौर
अलवर
पाली
Note:


21. डोल मेला किस शहर में आयोजित होता है?
बारां
बूंदी
प्रतापगढ़
धौलपुर
Note:

22. राजस्थान में ग्रीष्म उत्सव कहाँ मनाया जाता है?
जयपुर
माउंट आबू
बीकानेर
जोधपुर
Note:

23. कल्याणजी का मेला कहां आयोजित होता है?
सीकर
देशनोक
डिग्गी
आमेर
Note:

24. कार्तिक माह में चन्द्रभागा पशु मेला कहां आयोजित होता है?
अजमेर
झालरापाटन
नागौर
शिवगंज
Note:


25. ‘लांगुरिया नृत्य’ किस मेला का मुख्य आकर्षण है?
करणीमाता मेला
कैलादेवी माता मेला
जीणमाता मेला
शीतलामाता मेला
Note:

26. किस लोकनायक के मेले को ‘साम्प्रदायिक सद्भाव’ का प्रतीक माना जाता है?
पाबू जी
गोगा जी
जम्भो जी
रामदेव जी
Note:

27. निम्न में से किस क्षेत्र में सीताबाड़ी का मेला आयोजित किया जाता है-
हाड़ौती में
मारवाड़ में
मेवाड़ में
बागड़ में
Note: सीताबाड़ी का वार्षिक मेला हाड़ौती में, बारां जिले की शाहबाद तहसील के केलवाड़ा गांव के पास सीताबाड़ी नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है। इस स्थान पर यह 15 दिवसीय विशाल मेला ज्येष्ठ महीने की अमावस्या (बड़ पूजनी अमावस) के आसपास भरता है। इस मेले को ''सहरिया जनजाति के कुंभ'' के रूप में भी जाना जाता है। इस मेले में सहरिया जनजाति के लोगों की जीवन शैली का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिलता है।

28. प्रतिवर्ष हाथी महोत्सव कहाँ मनाया जाता है?
अजमेर
जोधपुर
जयपुर
श्रीगंगानगर
Note: हाथी महोत्सव प्रतिवर्ष जयपुर में मनाया जाता है। इसमें हाथियों को सजा धजा कर महोत्सव में लाया जाता है। प्रति वर्ष हिंदू कैलेंडर के फागुन के महीने की पूर्णिमा को इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है, यह वही दिन है जब पूरा देश होली मनाता है।





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